भाई लोगों से दूर हूँ, पर इतना भी नहीं किसी के ह्रदय छुपे दर्द को महसूस न कर पायूं, दिमाग है, बातें घुमड़ घुमड़ आती हैं, और आ रही हैं, खबरे हैं, बैचेन करती हैं, और कर रही हैं.
पानी के हौज़ में बंदरी को उसके बच्चे सहित छोड़ दिया, हौज़ में पानी भरने लगा तो बंदरी ने बच्चे को गोदी में उठा लिए ..... पानी बढ़ते बढ़ते जब उसकी कमर तक आया तो उसने अपने बच्चे को छाती से चिपका लिए, पर हौज़ में पानी बढ़ ही रहा था, और पानी उसकी छाती छोड़ गर्दन तक आ पहुंचा तो बंदरी अपने बच्चे को सर पर उठा कर खड़ी हो गयी जब पानी उसके नाक तक पहुँचने लगा तो एक अजीब बर्ताव नजर आया उस बंदरी के व्यवहार में, उसने अपने बच्चे को हौज़ में पटका और उस पर खड़ी हो गयी, अपनी जान बचने को.